सजके आएँगे दूल्हे राजा
भैया राजा बजाएगा बाजा
अपने पसीने को मोती कर दूँगा
मोतियों से बहना की माँग भर दूँगा
आएगी बारात देखेगी सारी दुनिया
होंगे लाखों में एक दूल्हे राजा
भैया राजा ...
सोलह सिंगार मेरी बहिना करेगी
टीका चढ़ेगा और हलदी लगेगी
बहना के होंठों पे झूलेगी नथनिया
और झूमेंगे दूल्हे राजा
भैया राजा ...
सेज पे बैठेगी वो डोली पे चढ़ेगी
धरती पे बहना रानी पाँव न धरेगी
पलकों की पालकी में बहना को बिठा के
ले जाएँगे दूल्हे राजा
भैया राजा ...
सजना के घर चली जाएगी जो बहना
होंठ हँसेंगे मेरे रोएँगे ये नैना
रखिया के रोज़ रानी बहना को बुलाऊँगा
ले के आएँगे दूल्हे राजा
भैया राजा ...
रचनाकार: इंदीवर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें