यँहा पर हिन्दी साहित्य के प्रमुख रचनाकार एव कवियो कि अनमोल कृतियों के संकलन करने का प्रयास किया है
समझ नहीं सके तुम,हारे हुए झुके तभी नयन तुम्हारे, प्रिय।भरा उल्लास था हॄदय में मेरे जब,--काँपा था वक्ष,तब देखी थी तुमनेमेरे मल्लिका के हार कीकम्पन, सौन्दर्य को!
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