नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
मुट्ठी में है तकदीर हमारी
हमने किस्मत को बस में किया है
भोली भाली मतवाली आँखों में क्या है
आँखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली
आँखों में झूमे उम्मीदों की दिवाली
आने वाली दुनिया का सपना सजा है
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है
भीख में जो मोती मिलेगा लोगे या न लोगे
ज़िन्दगी के आंसुओं का बोलो क्या करोगे
भीख में जो मोती मिले तो भी हम न लेंगे
ज़िन्दगी के आंसुओं की माला पहनेंगे
मुश्किलों से लड़ते फिरते जीने में मज़ा है
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है ..
हमसे न छुपाओ बच्चो हमें तो बताओ
आने वाली दुनिया कैसी होगी समझाओ
आने वाली दुनिया में सब के सर पे ताज हो
न भूखों की भीड़ होगी
न दुखों का राज हो
बदलेगा ज़माना यह सितारों पे लिखा है
नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है ...
यँहा पर हिन्दी साहित्य के प्रमुख रचनाकार एव कवियो कि अनमोल कृतियों के संकलन करने का प्रयास किया है
शनिवार, 12 मार्च 2011
नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी मैं क्या है
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें