अलि कहाँ सन्देश भेजूँ?
मैं किसे सन्देश भेजूँ?
एक सुधि अनजान उनकी,
दूसरी पहचान मन की,
पुलक का उपहार दूँ या अश्रु-भार अशेष भेजूँ!
चरण चिर पथ के विधाता
उर अथक गति नाम पाता,
अमर अपनी खोज का अब पूछने क्या शेष भेजूँ?
नयन-पथ से स्वप्न में मिल,
प्यास में घुल साध में खिल,
प्रिय मुझी में खो गया अब गया अब दूत को किस देश भेजूँ!
जो गया छबि-रूप का घन,
उड़ गया घनसार-कण बन,
उस मिलन के देश में अब प्राण को किस वेश भेजूँ!
उड़ रहे यह पृष्ठ पल के,
अंक मिटते श्वास चल के,
किस तरह लिख सजल करुणा की व्यथा सविशेष भेजूँ!
महादेवी वर्मा
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