समस्त रचनाकारों को मेरा शत शत नमन .....

मंगलवार, 15 मार्च 2011

मेरी बन्नो की आएगी बारात

मेरी बन्नो की आएगी बारात, कि ढोल बजाओ जी
मेरी लाडो की आएगी बारात, कि ढोल बजाओ जी
आज नाचूंगी मैं सारी रात, कि ढोल बजाओ जी
मेरी बन्नो की आएगी बारात ...

सजना के घर तू जाएगी, याद हमें तेरी आएगी
जा के पिया के देस में ना, हमको भुलाना
आँख बाबुल तेरी क्यों भर आई
बेटीयाँ तो होती हैं पराई,
अब रहेगी ये सइयां जी के साथ, कि ढोल बजाओ जी,
मेरी बन्नो की आएगी बारात ...

गज़रा खिला है बालों पे, सुर्खी लगी है गालों पे
बिंदिया चमकती है माथे पे, नैनों में कज़रा
सज़ा है तन पे, गहना
लगे क्या खूब तू, बहना
खिली होठों पे, लाली
सजे कानों में, बाली
लगी मेंहदी दुल्हनिया के हाथ, कि ढोल बजाओ जी
मेरी बन्नो की आएगी बारात ...

ले लूँ बलाएं तेरी सभी, दे दूँ तुझे मैं अपनी खुशी
माँग दुआ मैं रब से यही, तू खुश रहे,
कोई चाहत रहे ना अधूरी
तेरी सारी तमन्ना हो पूरी
मैंने कहदी मेरे दिल की बात
मेरी बन्नो की आएगी बारात ..


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