यँहा पर हिन्दी साहित्य के प्रमुख रचनाकार एव कवियो कि अनमोल कृतियों के संकलन करने का प्रयास किया है
जैसे हम हैं वैसे ही रहें,लिये हाथ एक दूसरे काअतिशय सुख के सागर में बहें।मुदें पलक, केवल देखें उर में,-सुनें सब कथा परिमल-सुर में,जो चाहें, कहें वे, कहें।वहाँ एक दृष्टि से अशेष प्रणयदेख रहा है जग को निर्भय,दोनों उसकी दृढ़ लहरें सहें।
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