जिंदगी एक जंग है !
जंग में लड़ना कर्म है
कर्म से क्यूँ पीछे मुड़े
जब लगे
जिंदगी एक सतरंज है !
कोशिश करके हार जायंगे
फिर भी हमें संभलना है
जिंदगी रूपी इस संग्राम को हमें
हर हाल में जितना है !
कामयाबी तो मिलेगी
कोशिश अगर करे हम
बार -बार राह भटक
कर भी राह की
खोज में चले हम !
कमियां जब खुद में हो तो दोस
क्यों दे दुसरो को
है तो हम इंसान ही
कोई भगवान् नहीं
गलती तो हर इन्सान की
फिदरत है !
वह कोई भगवान नहीं !
जिंदगी एक जंग है !!!!!!
Mani Bhushan Singh
3 टिप्पणियां:
बेहद खूबसूरत कविता.
Bhut acchi lagi kavita
Thanks to all of u
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